प्यार (Love) और नफरत (Hate) जीवन के दो ऐसे पहलू हैं, जो हर इंसान की भावनाओं से जुड़े होते हैं। जहाँ प्यार दिल को सुकून देता है, वहीं नफरत (Nafrat) अंदर एक जलन और दर्द (Pain) छोड़ जाती है। जब कोई हमें धोखा देता है या हमारे भरोसे को तोड़ता है, तब नफरत का जन्म होता है। नफरत शायरी (Nafrat Shayari) के माध्यम से हम अपने जज़्बातों को बयां कर सकते हैं और दिल का बोझ हल्का कर सकते हैं।
चाहे वो hate love shayari (हेट लव शायरी) हो, attitude nafrat shayari (एटीट्यूड नफरत शायरी) हो, या फिर dard nafrat shayari (दर्द नफरत शायरी), हर शब्द दिल के उस दर्द को बयां करता है, जिसे हम शब्दों में कहना चाहते हैं। अगर आप भी किसी से नफरत करते हैं या किसी ने आपके दिल को तोड़ा है, तो यह शायरी आपके भावनाओं को व्यक्त करने में मदद करेगी।
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ToggleNafrat Shayari in hindi नफरत शायरी collection
Hate Love Shayari
जब प्यार से ही नफरत हो जाए, तो हर रिश्ता एक बोझ लगने लगता है। hate love shayari (हेट लव शायरी) उन जज़्बातों को बयां करती है, जब कोई बेवफा हमारी मोहब्बत की कद्र नहीं करता और प्यार सिर्फ एक दर्द बन जाता है।
प्यार किया था दिल से,
मगर नफरत ही नसीब में लिखी थी।
इश्क़ की राहों में हमने चाहा था तुझे,
पर तूने नफरत दी इनायत समझकर।
मोहब्बत जब नफरत में बदल जाए,
तो दिल का टूटना लाजमी है।
जिस दिल में कभी प्यार बसा था,
अब वहीं नफरत की चिंगारियां जल रही हैं।
प्यार की गलियों में नफरत का अंधेरा,
अब कोई उम्मीद बाकी नहीं रही।
मोहब्बत और नफरत के इस खेल में,
हमने सिर्फ अपना दिल खोया।
नफरत तो न थी पहले,
मगर तेरी बेवफाई ने इसे जन्म दे दिया।
मैंने प्यार में खुद को मिटा दिया,
और तूने नफरत को गले लगा लिया।
दिल तुझसे मोहब्बत करता था,
और तूने उसे नफरत का सिला दिया।
जितना प्यार तुझसे किया,
उतनी ही नफरत अब खुद से हो गई।
इश्क़ किया था दिल से,
मगर बदले में नफरत ही मिली।
तेरी यादें अब भी आती हैं,
मगर अब मोहब्बत नहीं, नफरत के साथ।
पहले तेरा नाम होठों पर मुस्कान लाता था,
अब वही नाम नफरत जलाता है।
इश्क़ ने जो दर्द दिया,
उसने नफरत को और गहरा कर दिया।
दिल में अब भी प्यार है,
मगर नफरत का पर्दा उसे छुपा रहा है।
कभी इश्क़ की बारिश में भीगते थे,
आज नफरत की आग में जल रहे हैं।
इश्क़ से भरी थी जिंदगी,
पर अब सिर्फ नफरत का अंधेरा है।
जितनी मोहब्बत की,
उससे ज्यादा नफरत अब तुझसे है।
तेरे झूठे प्यार ने नफरत को सिखा दिया।
मोहब्बत के बदले जो नफरत मिली,
वो दर्द कभी नहीं भूला जा सकता।
Attitude Nafrat Shayari
नफरत भी एक तरह का एटीट्यूड (Attitude) बन जाती है, जब कोई हमारी भावनाओं से खेलता है। attitude nafrat shayari (एटीट्यूड नफरत शायरी) उन लोगों के लिए होती है, जो हमें धोखा देकर समझते हैं कि हम कमजोर हैं।
नफरत भी हमारी एक अदा है,
जिसे चाहें उसी को सजा है।
मोहब्बत के लायक नहीं थे तुम,
इसलिए हमने नफरत से नवाज़ दिया।
नफरत तो है मगर तुझसे नहीं,
तेरी सोच से है।
तेरी नफरत से अब डर नहीं लगता,
क्योंकि मैं अब तुझे गिनती में भी नहीं रखता।
दिल तोड़ने वाले,
अब तेरी नफरत से फर्क नहीं पड़ता।
हमें फर्क नहीं पड़ता लोग क्या सोचते हैं,
क्योंकि हम नफरत को भी इज्ज़त से निभाते हैं।
नफरत और ऐटिट्यूड का तालमेल हमें अच्छे से आता है।
हमारी नफरत भी किसी से कम नहीं,
जो एक बार कर लें तो बस कर लें।
मोहब्बत की दुनिया में हमसे दूर ही रहो,
वरना नफरत भी दिल से करते हैं।
हम प्यार में भी ऐटिट्यूड रखते थे,
और अब नफरत में भी।
तुझे भूलना मेरा ऐटिट्यूड है,
और तुझे नजरअंदाज करना मेरी आदत।
तेरा प्यार एक मज़ाक था,
अब मेरी नफरत तेरा हकीकत बनेगी।
प्यार करने वालों के दिल से खेला,
अब देख तेरी बर्बादी का मेला।
नफरत भी ऐसी देंगे कि तुझे अपनी ही पहचान से नफरत हो जाएगी।
नफरत में भी हमारा स्टाइल अलग है,
दिल से करते हैं।
जबसे तुझसे मोहब्बत छोड़ी,
तबसे खुद से इश्क़ कर लिया।
हमारी नफरत भी किसी के लिए वरदान से कम नहीं।
हमसे दूर रहना ही तेरे लिए सही होगा,
क्योंकि हम नफरत में भी रॉयल हैं।
तुम हमारे ऐटिट्यूड से नफरत करते हो,
और हम तुम्हारी फितरत से।
प्यार तुझसे किया,
मगर तेरी हरकतों ने नफरत करने पर मजबूर कर दिया।
Dard Nafrat Shayari
जब प्यार नफरत में बदलता है, तो दिल में एक गहरा दर्द (Pain) छोड़ जाता है। dard nafrat shayari (दर्द नफरत शायरी) उन भावनाओं को दर्शाती है, जब कोई अपना पराया बन जाता है और उसकी यादें सिर्फ तकलीफ देती हैं।
प्यार का दर्द सहा,
अब नफरत का जहर पी रहे हैं।
नफरत इतनी गहरी हो गई कि अब दर्द भी फीका लगता है।
जब प्यार का बदला नफरत से मिला,
तब दिल के टुकड़े कर दिए।
किसी ने प्यार में धोखा दिया,
अब नफरत ही अपनी साथी है।
दिल टूटा नहीं,
मगर नफरत ने इसे बिखेर दिया।
पहले प्यार ने रुलाया,
अब नफरत भी कमाल कर रही है।
नफरत की आग में जलते जलते अब दर्द भी अपना लगता है।
जब प्यार में सुकून नहीं मिला,
तो नफरत में चैन ढूंढ लिया।
तेरा प्यार झूठा था,
मगर नफरत सच्ची हो गई।
दर्द भी अब नफरत की तरह लगने लगा है।
मैंने दर्द से दोस्ती कर ली,
क्योंकि प्यार में तो सिर्फ धोखा मिला।
तेरा प्यार मेरे लिए जहर था,
और नफरत वो मरहम जो दिल को राहत दे।
नफरत का दर्द,
मोहब्बत की यादों से भी ज्यादा गहरा होता है।
अब तेरा नाम लेते ही प्यार नहीं,
बस दर्द और नफरत महसूस होती है।
मोहब्बत की गलियों में भटका था कभी,
अब नफरत की राहों पर चल पड़ा हूँ।
जितनी मोहब्बत थी,
उससे ज्यादा नफरत दे गया तू।
प्यार में हंसी थी,
मगर नफरत में सिर्फ आँसू हैं।
जबसे तू गया,
प्यार और नफरत दोनों से नफरत हो गई।
नफरत का घूंट भी अब दर्द की तरह मीठा लगने लगा है।
दिल को अब मोहब्बत नहीं,
बस अकेलेपन से ही प्यार है।
Zindagi Se Nafrat Shayari
जब ज़िंदगी हमें बार-बार दर्द देती है, तो कई बार हमें खुद से ही नफरत होने लगती है। zindagi se nafrat shayari (ज़िंदगी से नफरत शायरी) उन लम्हों को बयां करती है, जब हम अपनी तकदीर से हार जाते हैं और ज़िंदगी एक सजा लगने लगती है।
अब ज़िंदगी से कोई शिकायत नहीं,
क्योंकि मैंने इससे उम्मीदें छोड़ दी हैं।
हर दिन ज़िंदा हूँ पर जी नहीं रहा,
इस बेवफा ज़िंदगी से नफरत हो गई।
पहले ज़िंदगी खूबसूरत लगती थी,
अब हर लम्हा सज़ा सा लगता है।
जितना चाहा सुकून, उतना ही दर्द मिला,
अब इस ज़िंदगी से नफरत होने लगी है।
कभी सोचा था ज़िंदगी जन्नत होगी,
पर अब तो हर सांस एक सजा बन गई।
ज़िंदगी ने इतना दर्द दिया कि अब इससे मोहब्बत नहीं,
नफरत हो गई।
हम मुस्कुराते हैं,
पर अंदर से ज़िंदगी से बुरी तरह थक चुके हैं।
जिस ज़िंदगी ने हमें खुशियां दी,
वही अब हमारे आंसुओं की वजह बन गई।
लोग कहते हैं ज़िंदगी खूबसूरत है,
पर मैंने इसे सिर्फ दर्द का दूसरा नाम पाया।
नफरत अब इंसानों से नहीं,
बल्कि इस बेरहम ज़िंदगी से है।
हमने ज़िंदगी से बहुत प्यार किया,
मगर बदले में सिर्फ ग़म मिले।
अब इस ज़िंदगी का कोई मोल नहीं,
क्योंकि जीने की वजह ही नहीं बची।
कोई इतना दर्द कैसे सह सकता है,
अब तो बस इस ज़िंदगी का अंत चाहिए।
कभी इस ज़िंदगी ने हमें हंसाया था,
अब सिर्फ रुलाने लगी है।
नफरत ज़िंदगी से नहीं,
इसके दिये हुए ज़ख्मों से है।
जितना संभालने की कोशिश करता हूँ,
उतनी ही ज़िंदगी मुझे गिरा देती है।
जब मोहब्बत करने वाला खुद हो,
तो किसी और की तलाश क्यों?
जब अपने ही बेगाने बन जाएं,
तो ज़िंदगी से प्यार करना नामुमकिन हो जाता है।
यह ज़िंदगी अब सिर्फ एक बोझ बन गई है,
जिसे ढोना मेरी मजबूरी है।
किसी से शिकायत नहीं,
बस इस ज़िंदगी से अब कोई उम्मीद नहीं।
I Hate You Shayari
जब कोई हमें धोखा देता है, तब "आई हेट यू" (I Hate You) कहने का मन करता है। i hate you shayari (आई हेट यू शायरी) उन जज़्बातों को दर्शाती है, जब किसी की बेवफाई हमें नफरत करने पर मजबूर कर देती है।
जिस दिल में तेरा प्यार था,
वहां अब सिर्फ नफरत की आग जलती है।
मैं तुझे भूल सकता था,
पर तेरी बेवफाई ने मुझे तुझसे नफरत करने पर मजबूर कर दिया।
आई हेट यू! क्योंकि तूने मेरी हर ख़ुशी छीन ली।
नफरत भी तुझसे इतनी कर ली है कि अब तेरा नाम सुनकर भी गुस्सा आता है।
तूने मेरी भावनाओं से खेला,
अब मैं तुझसे नफरत भी दिल से करता हूँ।
तुझे चाहा था जान से भी ज्यादा,
अब तुझसे नफरत भी उतनी ही है।
मेरी नफरत का अंदाजा मत लगा,
तेरा नाम सुनते ही मेरा खून खौल उठता है।
मैं तुझसे नफरत नहीं करना चाहता था,
पर तूने हर वजह दी इसे करने की।
आई हेट यू! क्योंकि तूने मेरा भरोसा तोड़ा,
मेरी मोहब्बत का मज़ाक उड़ाया।
तेरा प्यार मेरे लिए जहर था,
और अब मेरी नफरत ही तेरा इलाज बनेगी।
लोग कहते हैं प्यार नफरत में बदल जाता है,
पर मैंने खुद इसे महसूस किया है।
अब तेरा नाम भी सुन लूं तो दिल में आग सी जल उठती है।
तू मेरी ज़िंदगी से चला गया,
और अपने साथ मेरी मासूमियत भी ले गया।
मुझे तुझसे नफरत नहीं थी,
पर तेरी हरकतों ने इसे जन्म दे दिया।
आई हेट यू! क्योंकि तूने मेरे प्यार का मोल नहीं समझा।
मैंने तुझसे सिर्फ प्यार चाहा था,
मगर तूने मुझे दर्द और नफरत दी।
मेरा दिल अब भी तुझे याद करता है,
मगर अब प्यार नहीं, सिर्फ नफरत के साथ।
नफरत भी तुझसे कुछ इस कदर कर ली है कि अब तेरी कोई बात असर नहीं करती।
एक वक्त था जब तेरा नाम खुशी देता था,
अब वही नाम मेरा दिन खराब कर देता है।
तेरा चेहरा अब भी याद है,
पर अब उसमें मोहब्बत नहीं, सिर्फ नफरत नजर आती है।
Nafrat Ki Shayari
नफरत किसी एक इंसान से हो या पूरे समाज से, यह दिल में एक आग की तरह जलती है। nafrat ki shayari (नफरत की शायरी) उन एहसासों को बयान करती है, जब प्यार की जगह दिल में सिर्फ नफरत बचती है।
प्यार का नकाब उतार,
तेरी हकीकत अब नफरत के काबिल है।
दिल में अब कोई जगह नहीं,
मोहब्बत के लिए नहीं, नफरत के लिए भी नहीं।
नफरत भी कमाल की चीज़ है,
एक बार हो जाए तो खत्म होने का नाम ही नहीं लेती।
मैं तुझसे नफरत नहीं करता,
तेरी सोच से करता हूँ।
जब प्यार बेवफाई में बदल जाए,
तो नफरत का जन्म होता है।
दिल टूटा था मोहब्बत में,
अब नफरत का सहारा लेना पड़ा।
लोग प्यार में पागल होते हैं,
और मैं नफरत में।
नफरत भी प्यार की तरह होती है,
एक बार हो जाए तो मिटती नहीं।
जिस दिन मेरी नफरत हद से गुजर जाएगी,
उस दिन तेरा वजूद भी नहीं रहेगा।
नफरत की आग में जलकर मैंने खुद को मजबूत बना लिया।
तुझे पाने की ख्वाहिश नहीं,
अब तुझसे दूर रहने में ही सुकून है।
जब भरोसा टूट जाता है,
तो नफरत जन्म लेती है।
अब तेरा जिक्र भी नफरत से किया जाता है।
प्यार का दर्द झेल लिया,
पर नफरत के वार असहनीय हैं।
नफरत भी वही करते हैं,
जिनके दिल में कभी प्यार रहा हो।
नफरत के भी अपने ही मज़े हैं,
दर्द का कोई हिसाब नहीं रखना पड़ता।
पहले दिल में प्यार था,
अब नफरत का तूफान बसता है।
नफरत इतनी बढ़ गई कि अब प्यार के नाम से ही चिढ़ होती है।
जो दिल में था,
अब वो नफरत की लिस्ट में सबसे ऊपर है।
जब अपने ही पराए हो जाएं,
तो नफरत से बढ़कर कोई साथी नहीं होता।
Khud Se Nafrat Shayari
जब हम बार-बार अपने फैसलों से हार जाते हैं या कोई अपना हमें ठुकरा देता है, तो खुद से ही नफरत (Self-Hatred) होने लगती है। khud se nafrat shayari (खुद से नफरत शायरी) उन भावनाओं को उजागर करती है, जब इंसान खुद को ही दोष देने लगता है।
नफरत दूसरों से नहीं,
अब खुद से होने लगी है।
मैंने खुद को इतना गिरते देखा कि अब खुद से ही घिन आती है।
जब अपने ही दिल की सुननी बंद कर दो,
तो खुद से नफरत होना लाजमी है।
आईने में खुद को देखता हूँ,
तो बस नफरत ही महसूस होती है।
लोग मुझसे नफरत करें या ना करें,
पर मैं खुद को पसंद नहीं करता।
मैंने खुद से बहुत उम्मीदें लगाईं थी,
पर अब खुद पर ही भरोसा नहीं रहा।
अपने आप से इतना हार गया कि अब खुद से ही नफरत होने लगी।
जब कोई अपना नहीं रहता,
तो खुद से भी मोहब्बत नहीं होती।
हर ग़लती के बाद खुद को कोसता हूँ,
इसलिए अब खुद से नफरत करता हूँ।
अब कोई शिकायत नहीं,
बस खुद से नाराज हूँ।
दिल से हारा हुआ इंसान,
खुद से ही सबसे ज्यादा नफरत करता है।
लोग मुझे छोड़ गए,
और मैं खुद से भी दूर हो गया।
जब हर कोशिश नाकाम हो,
तो इंसान खुद से ही नफरत करने लगता है।
मैं खुद का सबसे बड़ा दुश्मन हूँ।
खुद से लड़ते-लड़ते अब खुद से ही नफरत हो गई।
मैं ही अपनी बर्बादी की वजह हूँ,
इसलिए खुद से नफरत करता हूँ।
मेरी सबसे बड़ी सजा यही है कि मैं खुद को ही पसंद नहीं करता।
जब कोई अपना ना हो,
तो खुद से भी रिश्ता टूट जाता है।
दिल अब मुझसे भी ऊब चुका है।
आईने में अपनी शक्ल देखकर भी अब सुकून नहीं मिलता।
Nafrat shayari image and Status



Conclusion
नफरत (Hate) एक बहुत ही गहरी भावना होती है, जो अक्सर दर्द (Pain) और ग़म (Sadness) से जुड़ी होती है। जब हम किसी से प्यार करते हैं और वही इंसान हमें तकलीफ देता है, तो हमारी भावनाएं नफरत में बदल जाती हैं। नफरत शायरी (Nafrat Shayari) उन अनकहे जज़्बातों को शब्दों में पिरोती है, जो हम सीधे किसी से नहीं कह सकते।
अगर आपके दिल में किसी के लिए नफरत है या फिर आप अपने जज़्बातों को शब्दों के ज़रिए व्यक्त करना चाहते हैं, तो ये शायरी आपके लिए सबसे बेहतरीन तरीका हो सकती है। कभी-कभी शब्द ही वो ज़रिया होते हैं, जो हमारे दर्द को हल्का कर सकते हैं और हमें सुकून दे सकते हैं।
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FAQs
सिंगल लाइफ पर सबसे बेस्ट शायरी कौन-सी है?
Single Life Shayari सबसे बेस्ट होती है, क्योंकि इसमें अकेले रहने की खुशी और आज़ादी का जश्न मनाया जाता है।
लड़कों के लिए सबसे अच्छी सिंगल शायरी कौन-सी है?
Single Boy Shayari लड़कों के लिए सबसे अच्छी होती है, क्योंकि इसमें उनका एटीट्यूड, मस्ती और बेफिक्री झलकती है।
क्या सिंगल रहना अच्छा है?
हां! सिंगल रहना अच्छा हो सकता है, क्योंकि इसमें किसी भी तरह की टेंशन नहीं होती और आप अपनी लाइफ को अपने हिसाब से जी सकते हैं।