शायरी सिर्फ अल्फ़ाज़ का खेल नहीं, बल्कि जज़्बात की गहराई होती है। मुस्लिम शायरी (Muslim Shayari Hindi) दिल की बात को अल्लाह की रहमत के साथ जोड़कर पेश करने का एक बेहतरीन तरीका है। इसमें इश्क, इबादत, सब्र, और तक़दीर जैसे भावों को अल्फाज़ की खूबसूरती में पिरोया जाता है।
मुस्लिम शायरी का एक अहम पहलू यह भी है कि यह मोहब्बत और इबादत दोनों को एक साथ समेटती है। चाहे वह Muslim Love Shayari हो या फिर Hindu Muslim Shayari, हर एक शेर इंसानियत और प्यार की मिसाल पेश करता है। अगर आप Muslim Hijab Shayari या 2 Line Muslim Shayari की तलाश में हैं, तो यह पोस्ट आपके लिए खास होने वाली है।
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ToggleMuslim Shayari in hindi मुस्लिम शायरी collection
Muslim Shayari Hindi
Muslim Shayari में इमान, तक़दीर, और सब्र का जिक्र किया जाता है। यह शायरी अल्लाह की रहमत और इंसान के दिल की बात को बयां करती है।
खुदा की रहमत हर उस शख्स पर होती है,
जो अपने दिल में इंसानियत रखता है।
सजदे में जो खुशी है,
वो दुनिया के किसी और लम्हे में नहीं मिलती।
अल्लाह की इबादत से जो सुकून मिलता है,
उसे लफ्जों में बयां करना नामुमकिन है।
जन्नत की चाहत सबको है,
मगर उसके लिए इबादत कोई-कोई करता है।
मोहब्बत और इबादत में बस एक फर्क है – मोहब्बत सबको नहीं मिलती,
पर इबादत सब कर सकते हैं।
नसीब से ज्यादा कुछ नहीं मिलता,
और वक्त से पहले कुछ नहीं होता।
इबादत से बढ़कर कोई अमीरी नहीं,
और सब्र से बढ़कर कोई दौलत नहीं।
अल्लाह को पाने के लिए दर नहीं,
दिल का पाक होना ज़रूरी है।
दुनिया की हर दौलत किसी काम की नहीं,
अगर दिल में खुदा का नूर ना हो।
जब अल्लाह पर भरोसा रखोगे,
तो मुश्किलें भी खुद हल होने लगेंगी।
गुनाहों से तौबा कर लो,
क्योंकि अल्लाह की रहमत बहुत बड़ी है।
जब तक दिल में खुदा का नाम है,
तब तक कोई भी तकलीफ बड़ी नहीं होती।
इस दुनिया की ज़िंदगी एक सफर है,
असली इनाम तो आखिरत में मिलेगा।
जो अल्लाह के नाम से शुरू होता है,
उसमें बरकत जरूर होती है।
मस्जिदों में इबादत करने से पहले,
दिलों में मोहब्बत बसाना सीखो।
दुनिया की नेमतें फानी हैं,
पर अल्लाह की रहमत हमेशा कायम रहती है।
तक़दीर का लिखा कोई नहीं बदल सकता,
बस दुआओं से राहें आसान हो सकती हैं।
अल्लाह की इबादत करने वालों के दिल हमेशा नूर से भरे रहते हैं।
दिल को खुदा की राह में झुका लो,
क्योंकि यही सच्ची अमीरी है।
इस्लाम मोहब्बत और अमन का पैग़ाम देता है,
इसे नफरत से मत बदनाम करो।
Muslim Love Shayari
इश्क जब पाक होता है, तो उसमें खुदा की रहमत भी होती है। Muslim Love Shayari में मोहब्बत को पाकीज़गी और सच्चाई के साथ पेश किया जाता है।
इश्क में जब खुदा की रहमत होती है,
तो मोहब्बत मुकम्मल हो जाती है।
तेरा नाम दिल में बसाया है,
जैसे किसी इबादत का सुकून पाया है।
मोहब्बत भी इबादत की तरह होती है,
सच्ची हो तो खुदा तक पहुंचा देती है।
मैंने इश्क को सजदे में पाया,
जब तेरा नाम खुदा से मांगा।
मेरी मोहब्बत भी एक दुआ जैसी है,
जो तुझे हर मुश्किल से बचाएगी।
इश्क अगर सच्चा हो,
तो अल्लाह भी दुआ कबूल कर लेता है।
अल्लाह से बस यही दुआ है,
कि तू मेरी तक़दीर में हो।
तेरी मोहब्बत भी अल्लाह की तरह है,
जो दिखती नहीं पर हर वक्त महसूस होती है।
मेरी मोहब्बत किसी दौलत की मोहताज नहीं,
ये तो खुदा के करम की तरह पाक है।
अल्लाह ने तेरी सूरत में मेरे लिए कोई खास इनाम दिया है।
तुझे देखने की चाहत भी एक इबादत लगती है।
दिल को सुकून मिलता है जब तेरा नाम लबों पर आता है।
तेरे इश्क की हर सुबह मेरी फजर की नमाज की तरह पाक है।
जब भी इश्क में तेरा नाम लिया, दिल में अजीब सा सुकून मिला।
इश्क और इबादत में सिर्फ इतना फर्क है,
इश्क आदमी से होता है और इबादत खुदा से।
इश्क भी इबादत है,
अगर सच्चाई से किया जाए।
मैंने तुझे अपने रब से मांगा है,
इसलिए ये इश्क भी पाक रहेगा।
मेरी मोहब्बत भी दुआ की तरह है,
जो हर वक्त तेरी सलामती मांगती है।
जब दिल में सच्ची मोहब्बत हो,
तो खुदा भी दुआ कबूल कर लेता है।
Hindu Muslim Shayari
इंसानियत सबसे बड़ा मज़हब है, और Hindu Muslim Shayari भाईचारे और एकता की मिसाल पेश करती है। यह शायरी प्यार और अमन का पैगाम देती है।
इंसानियत सबसे बड़ा मजहब है,
इसे मत तोड़ो मजहब के नाम पर।
हिन्दू-मुस्लिम का फर्क सिर्फ नाम में है,
दिल से तो हम सब एक ही हैं।
मस्जिद में अल्लाह,
मंदिर में राम – मगर इंसानियत सबसे बड़ा धर्म है।
खुदा भी कहता है – पहले इंसान बनो,
फिर मुसलमान या हिन्दू।
मजहब की दीवारें इंसानों ने बनाई हैं,
खुदा ने नहीं।
अल्लाह और भगवान का नाम अलग है,
मगर सीख तो एक ही देते हैं – मोहब्बत!
हिन्दू हो या मुसलमान,
दिल में मोहब्बत होनी चाहिए।
मंदिर की घंटी और अज़ान की आवाज़,
दोनों में खुदा का ही नूर है।
मोहब्बत किसी मजहब की मोहताज नहीं होती,
ये तो बस दिल से होती है।
जब भी किसी गरीब की मदद करो,
तब मत पूछो कि वो हिन्दू है या मुसलमान।
ये नफरतें छोड़ दो,
क्योंकि ऊपरवाला सिर्फ इंसानियत देखता है।
किसी का मजहब देखकर मोहब्बत नहीं की जाती,
ये तो बस रूह से होती है।
अल्लाह और राम का नाम लेकर नफरत फैलाना बंद करो।
जब दोनों मजहब मोहब्बत सिखाते हैं,
तो फिर इतनी नफरत क्यों?
खुदा और भगवान दोनों ही कहते हैं – इंसानियत सबसे बड़ी है।
हिन्दू और मुस्लिम का भेदभाव करने वाले,
इंसान नहीं होते।
जो भी मोहब्बत में यकीन रखते हैं,
उनके लिए कोई मजहब मायने नहीं रखता।
मंदिर में दिया जलाओ या मस्जिद में इबादत करो,
मकसद तो सिर्फ सुकून पाना है।
खुदा और राम के नाम पर नफरत मत फैलाओ,
क्योंकि ऊपरवाले के दरबार में सब बराबर हैं।
एक दिन हम सब मिट्टी में मिल जाएंगे,
फिर हिन्दू-मुस्लिम का फर्क कहां रहेगा?
Muslim Hijab Shayari
हिजाब सिर्फ एक पर्दा नहीं, बल्कि इज्जत और तहज़ीब की निशानी भी है। Muslim Hijab Shayari इस खूबसूरत एहसास को अल्फ़ाज़ में पिरोती है।
हिजाब मेरी पहचान है,
मेरे ईमान की शान है।
पर्दे में रहकर भी मैं खूबसूरत हूँ,
क्योंकि मेरी हया ही मेरी असल जीनत है।
हिजाब मेरा हक है,
इसे मेरी बंदिश मत समझो।
मेरी इज्जत मेरे हिजाब में है,
इसे कोई नजरअंदाज नहीं कर सकता।
जिस तरह मोती सीप में छुपा होता है,
उसी तरह हिजाब मेरी हिफाज़त करता है।
हिजाब सिर का ताज है,
इसे उतारने का ख्याल भी मत लाना।
जो पर्दे में रहती हैं,
उनकी चमक खुदा के नूर से होती है।
हिजाब मेरी पसंद नहीं,
मेरा फख्र है।
मेरे हिजाब पर सवाल मत कर,
मेरी इज्जत की मिसाल देख।
पर्दा मेरी बंदिश नहीं,
मेरी आज़ादी है।
हिजाब में लिपटी लड़की किसी हीरे से कम नहीं होती।
खुदा की नेमत है ये हिजाब,
जो हमें हर बुरी नजर से बचाता है।
मेरे हिजाब पर मत हंसो,
ये मेरी पहचान है।
जो औरत हिजाब में होती है,
वो अल्लाह के नूर से रोशन होती है।
हिजाब सिर्फ कपड़ा नहीं,
मेरे वजूद का हिस्सा है।
पर्दा मेरी हिफाजत करता है,
ये कोई बंदिश नहीं।
मैं पर्दे में भी उतनी ही आज़ाद हूँ,
जितनी बिना हिजाब के होती।
हिजाब में औरत और भी ज्यादा हसीन लगती है,
क्योंकि वो अल्लाह की इबादत में होती है।
मेरी खूबसूरती को देखने का हक सिर्फ उस इंसान को है,
जो मुझे अपनी दुआओं में मांगे।
मैं हिजाब में भी उतनी ही खूबसूरत हूँ, जितनी बिना हिजाब के,
क्योंकि असली सुंदरता इज्जत में होती है।
2 Line Muslim Shayari
अगर आप छोटे लेकिन असरदार शेरों की तलाश में हैं, तो 2 Line Muslim Shayari आपके दिल को छू जाएगी। यह शायरी कम लफ्ज़ों में गहरी बात कहने की खूबी रखती है।
सजदा कर लो अल्लाह के दर पर,
क्योंकि वही सबकी सुनता है।
तक़दीर बदल देती है दुआ,
बस यकीन से मांगो।
हर मुश्किल में सब्र रखो,
अल्लाह की रहमत जरूर आएगी।
दुनिया में मोहब्बत की कमी नहीं,
बस सच्चे दिल कम हैं।
जब अल्लाह पर भरोसा रखोगे,
तो कोई भी तकलीफ बड़ी नहीं लगेगी।
मोहब्बत में भी खुदा को याद रखना,
ताकि इश्क पाक रहे।
खुदा की इबादत से ही सुकून मिलता है,
न कि दौलत से।
सजदे में जो खुशी है,
वो किसी और चीज़ में नहीं।
मस्जिद की दहलीज़ पर सिर झुकता है,
तभी तो रूह को सुकून मिलता है।
सब्र कर,
क्योंकि अल्लाह सबसे बेहतरीन इनाम देता है।
अपनी तक़दीर का शिकवा मत कर,
सब्र रख, इनाम जरूर मिलेगा।
मोहब्बत वही मुकम्मल होती है,
जिसमें खुदा की रहमत होती है।
जब भी अल्लाह को पुकारा,
दिल को सुकून मिल गया।
दौलत नहीं,
नेक आमाल इंसान को अमीर बनाते हैं।
हर दुआ में बस एक ही इल्तिजा,
मेरे अपने सलामत रहें।
अल्लाह की राह में जितना चलोगे,
दुनिया की परेशानियाँ उतनी ही कम होंगी।
मोहब्बत में पाकीज़गी हो,
तो खुदा भी दुआ कबूल कर लेता है।
दुनिया में हर किसी का नसीब अलग होता है,
बस सब्र करना सीखो।
अल्लाह पर यकीन रखो,
वो कभी अकेला नहीं छोड़ता।
इबादत से ही रूह की शांति मिलती है,
क्योंकि यही सच्ची दौलत है।
Muslim shayari image and Status



Conclusion
मुस्लिम शायरी सिर्फ अल्फाजों का खेल नहीं, बल्कि दिल से निकली हुई वो दुआएं होती हैं जो किसी न किसी के लिए खास मायने रखती हैं। इसमें मोहब्बत, इबादत और तक़दीर के खूबसूरत रंग शामिल होते हैं।
अगर आप Muslim Shayari Hindi, Muslim Love Shayari, या Hindu Muslim Shayari पढ़ना पसंद करते हैं, तो यह पोस्ट आपको जरूर पसंद आएगी। अपने जज़्बात को शायरी की खूबसूरती में ढालिए और अल्लाह की रहमत को महसूस कीजिए।
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FAQs
मुस्लिम शायरी में कौन-कौन से विषय शामिल होते हैं?
मुस्लिम शायरी में मोहब्बत, इबादत, सब्र, तक़दीर, और इंसानियत जैसे विषय शामिल होते हैं।
मुस्लिम लव शायरी का क्या महत्व है?
Muslim Love Shayari में मोहब्बत को पाकीज़गी और खुदा की रहमत से जोड़ा जाता है, जिससे इश्क और भी गहरा और खूबसूरत बन जाता है।
2 Line Muslim Shayari क्यों खास होती है?
2 Line Muslim Shayari कम शब्दों में गहरी बात कहने की खूबी रखती है और इसे सोशल मीडिया पर शेयर करना भी आसान होता है।