140+ Best Narazgi Shayari in hindi | नाराज़गी शायरी
रिश्तों में कभी प्यार होता है तो कभी नाराज़गी (Narazgi) भी देखने को मिलती है। जब अपने ही हमसे दूर हो जाते हैं या हमसे खफा हो जाते हैं, तो दिल में एक अजीब सा दर्द उठता है। नाराज़गी शायरी (Narazgi Shayari in Hindi) उन अनकहे जज़्बातों को लफ्ज़ों में ढालने का सबसे खूबसूरत तरीका है।
चाहे वह प्यार में रूठना हो, दोस्ती में मनमुटाव हो या किसी अपने की दूरी से दिल उदास हो गया हो, नाराज़गी पर शायरी (Shayari on Narazgi) आपकी भावनाओं को सही तरीके से बयान करने का जरिया बन सकती है। इस पोस्ट में हम आपको हर तरह की नाराज़गी शायरी (Narazgi Shayari) प्रदान कर रहे हैं, जिससे आप अपने रिश्तों में आई दरार को मिटा सकते हैं।
किसी अपने से रूठ जाने का दर्द बहुत गहरा होता है। नाराज़गी शायरी (Narazgi Shayari in Hindi) उन अनकही भावनाओं को शब्दों में ढालने का सबसे खूबसूरत तरीका है।
नाराज़गी को दिल में रखना,
रिश्तों की उम्र घटा देता है।
एक छोटी-सी बात पर नाराज़ मत होना,
हमने दिल नहीं कोई खिलौना दिया था।
एक छोटी-सी बात पर नाराज़ मत होना,
हमने दिल नहीं कोई खिलौना दिया था।
तू नाराज़ है मुझसे, ये जानता हूँ मैं,
पर तुझसे दूर रहना, अब मुमकिन नहीं।
तू नाराज़ है मुझसे, ये जानता हूँ मैं,
पर तुझसे दूर रहना, अब मुमकिन नहीं।
नाराज़ हो तो खुलकर कह दो,
यूँ चुप रहकर सज़ा मत दो।
जो अपने थे, वही आज अजनबी लगे,
शायद नाराज़गी बहुत गहरी है।
वक़्त बीत जाता है,
पर कुछ नाराज़ियाँ हमेशा बाकी रह जाती हैं।
दिल के किसी कोने में तेरी नाराज़गी अब भी बसी है।
इश्क़ में नाराज़गी भी अजीब होती है,
जितना मनाते जाओ, उतनी बढ़ती जाती है।
Love Narazgi Shayari
प्यार में कभी-कभी गलतफहमियां हो जाती हैं, जो रिश्ते में दूरी ले आती हैं। लव नाराज़गी शायरी (Love Narazgi Shayari) आपके दिल की बात आपके साथी तक पहुंचा सकती है।
प्यार में नाराज़गी हो तो इश्क़ और भी गहरा हो जाता है।
नाराज़ रहूँ तुझसे फिर भी तेरा इंतज़ार करूँ,
यही तो इश्क़ है!
प्यार में तकरार होती है,
पर नाराज़गी हमेशा नहीं रहती।
तू ही मेरी ख़ुशी, तू ही मेरी जान,
फिर तुझसे नाराज़ कैसे रहूँ?
तुझसे रूठकर भी तेरा ही नाम लेते हैं,
ये कैसी मोहब्बत है?
नाराज़ होकर भी तुझे देखने की आदत गई नहीं।
तेरा गुस्सा भी कितना प्यारा लगता है,
बस थोड़ा कम किया कर।
नाराज़गी छोड़ दो, मेरे दिल का हाल देखो,
तुमसे दूर रहना आसान नहीं।
दिल तेरे बिना बेचैन है,
अब तो मान भी जा!
रूठे हो मुझसे,
पर फिर भी तुम्हारी फिक्र रहती है।
Naraz Dost Shayari
कभी-कभी दोस्तों के बीच गलतफहमियां आ जाती हैं, जो रिश्ते में दरार पैदा कर सकती हैं। नाराज़ दोस्त शायरी (Naraz Dost Shayari) से दोस्ती के रिश्ते को फिर से मजबूत किया जा सकता है।
दोस्ती में नाराज़गी हो सकती है,
पर जुदाई नहीं।
नाराज़ हो, तो बता दो,
यूँ अजनबी बनकर मत सज़ा दो।
दोस्ती अगर सच्ची हो,
तो नाराज़गी ज्यादा देर टिकती नहीं।
तेरा रूठना भी अच्छा लगता है,
पर मनाना उससे भी ज्यादा।
दोस्ती में ग़लतफ़हमी आ सकती है,
पर भरोसा नहीं टूटना चाहिए।
अगर दोस्ती सच्ची थी,
तो एक दिन नाराज़गी भी खत्म हो जाएगी।
मेरे बिना रहकर कैसा लगता है? अब तो मान भी जा।
दोस्ती के रिश्ते को ग़लतफ़हमियों की धूल से मत ढकने दो।
दोस्ती के रिश्ते को ग़लतफ़हमियों की धूल से मत ढकने दो।
दोस्त नाराज़ होता है,
तो उसका मतलब है वो अब भी फ़िक्र करता है।
Narazgi Ko Manane Ki Shayari
अगर कोई अपना आपसे नाराज़ हो जाए, तो उसे मनाना सबसे जरूरी होता है। नाराज़गी को मनाने की शायरी (Narazgi Ko Manane Ki Shayari) आपके रिश्तों में फिर से मिठास ला सकती है।
नाराज़गी को प्यार से दूर किया जाता है,
ग़लतफ़हमी से नहीं।
मनाने की चाहत भी उन्हीं के लिए होती है,
जो दिल के करीब होते हैं।
कभी-कभी प्यार से कह देना चाहिए,
“मुझे माफ़ कर दो।”
कभी-कभी प्यार से कह देना चाहिए,
“मुझे माफ़ कर दो।”
जितनी देर नाराज़गी रखोगे,
उतना ही प्यार फीका पड़ जाएगा।
जितनी देर नाराज़गी रखोगे,
उतना ही प्यार फीका पड़ जाएगा।
प्यार में रूठना जायज़ है,
पर मनाना और भी जरूरी।
एक हंसी से नाराज़गी खत्म हो सकती है,
बस कोशिश करनी होगी।
अगर रिश्ता सच्चा है,
तो नाराज़गी ज्यादा देर नहीं टिकेगी।
चलो फिर से हंसते हैं,
पुरानी बातों को भूल जाते हैं।
Emotional Narazgi Shayari
कभी-कभी नाराज़गी सिर्फ गुस्सा नहीं, बल्कि गहरा दर्द भी होती है। इमोशनल नाराज़गी शायरी (Emotional Narazgi Shayari) दिल की गहराइयों से निकली हुई भावनाओं को व्यक्त करने का जरिया है।
दिल के हर कोने में तेरा नाम है,
फिर भी तू मुझसे नाराज़ है।
जब अपने ही पराए बन जाएं,
तो दर्द सबसे ज्यादा होता है।
नाराज़गी के पीछे छुपा प्यार भी देख,
सिर्फ ग़लतियां मत गिन।
हमसे नाराज़ होने के लिए दूर मत जाना,
वरना टूट जाऊंगा।
चाहा था तुझे हर हाल में,
पर तू मुझसे नाराज़ ही रहा।
नाराज़ हो या खुश,
दिल तेरा ही नाम लेता है।
तूने बिना सोचे मुझे छोड़ दिया,
क्या हमारी मोहब्बत इतनी कमजोर थी?
जब रिश्तों में दूरी आ जाए,
तो नाराज़गी और भी तकलीफ देती है।
कभी-कभी अपने ही दिल के खिलाफ जाकर,
अपनों को मनाना पड़ता है।
नाराज़ होने का हक़ तुझे है,
पर मेरी हालत भी देख ले।
Narazgi Status Shayari
अगर आप सोशल मीडिया पर अपने ग़म को जाहिर करना चाहते हैं, तो नाराज़गी स्टेटस शायरी (Narazgi Status Shayari) आपके लिए बिल्कुल सही है।
नाराज़गी की उम्र ज्यादा नहीं होती,
बस प्यार से मिटा दो।
कभी हम नाराज़ होते हैं,
कभी तुम, पर रिश्ता वही रहता है।
छोटी-छोटी बातें दिल को बड़ा दर्द दे जाती हैं।
प्यार में नाराज़गी भी खूबसूरत लगती है।
हमसे नाराज़ रहोगे,
तो तुम्हें भी तकलीफ होगी।
जो अपने होते हैं,
उन्हीं से नाराज़गी होती है।
नाराज़ रहकर भी तेरा ही ख्याल आता है।
ग़लतफ़हमियां दूर हो जाएं,
तो नाराज़गी भी खत्म हो जाएगी।
कुछ रिश्तों की नाराज़गी,
उम्रभर साथ चलती है।
तेरा गुस्सा भी अच्छा लगता है,
पर तेरा साथ ज्यादा जरूरी है।
Sad Narazgi Shayari
जब कोई अपना हमसे नाराज़ होता है, तो दिल में अजीब सा खालीपन महसूस होता है। सैड नाराज़गी शायरी (Sad Narazgi Shayari) उन्हीं जज़्बातों को लफ्ज़ों में पिरोती है।
नाराज़ होकर भी तुमसे दूर नहीं जा सकता,
दिल तो अब भी तुम्हारा ही है।
तेरी नाराज़गी का कोई ग़म नहीं,
दर्द तो इस बात का है कि तूने मुझे गैर समझ लिया।
रिश्तों की उम्र नाराज़गी से नहीं,
बल्कि प्यार से बढ़ती है, लेकिन तुमने तो दूरियां ही चुन ली।
हमसे दूर रहकर अगर खुश हो,
तो ये ग़म भी मंज़ूर है।
मैंने हमेशा तुझे अपना समझा,
पर तूने मुझे अजनबी बना दिया।
तेरी नाराज़गी की आदत हो गई थी,
पर अब तेरी बेरुख़ी सहन नहीं होती।
नाराज़ हो तो बता दो,
इस ख़ामोशी का दर्द अब सहा नहीं जाता।
सोचा था तुम्हारी हर नाराज़गी मना लूंगा,
पर तुमने तो छोड़ना ही बेहतर समझा।
कभी सोचा नहीं था कि तुम भी यूँ खफा हो जाओगे।
दिल तुझसे अब भी जुड़ा है,
पर तेरा रवैया अजनबियों जैसा हो गया है।
Narazgi Shayari for Family
परिवार में कभी-कभी गलतफहमियां आ जाती हैं, जो दिलों को दूर कर देती हैं। नाराज़गी शायरी फॉर फैमिली (Narazgi Shayari for Family) उन रिश्तों को फिर से जोड़ने का जरिया बन सकती है।
अपनों की नाराज़गी सबसे ज्यादा तकलीफ देती है।
परिवार में प्यार हो,
तो नाराज़गी ज्यादा देर तक नहीं टिकती।
जब अपने ही पराए लगें,
तो दुनिया और भी तन्हा लगती है।
परिवार नाराज़ हो जाए,
तो घर भी पराया लगने लगता है।
कभी-कभी परिवार की नाराज़गी सबसे बड़ा दर्द बन जाती है।
नाराज़ हो तो बता दो,
हमें अपनेपन का एहसास तो दिला दो।
अपनों की नाराज़गी,
गैरों की बेरुख़ी से भी ज्यादा तकलीफ देती है।
रिश्तों में दरारें तब आती हैं जब नाराज़गी को प्यार से मिटाया नहीं जाता।
माफ कर दो अगर कोई गलती हुई हो,
अपनों के बिना ये दिल अधूरा लगता है।
नाराज़ रहकर भी अपनों से दूर मत जाओ,
वरना प्यार कहीं खो जाएगा।
Attitude Narazgi Shayari
अगर कोई आपसे बिना वजह नाराज़ हो जाए, तो ऐटिट्यूड नाराज़गी शायरी (Attitude Narazgi Shayari) आपके स्वाभिमान और आत्मसम्मान को बनाए रखने में मदद कर सकती है।
तुम्हारी नाराज़गी तुम्हारी जगह,
हमारा ऐटिट्यूड हमारी जगह।
हमसे नाराज़ हो? ठीक है,
अब हम भी परवाह नहीं करेंगे।
हमसे नाराज़ होने का हक़ सबको है,
पर हमें फर्क पड़ना ज़रूरी नहीं।
हमसे नाराज़ होने का हक़ सबको है,
पर हमें फर्क पड़ना ज़रूरी नहीं।
नाराज़ हो? मत रहो,
वरना एक दिन हम तुम्हारी आदत ही छोड़ देंगे।
हमसे दूर जाने वाले सोच लें,
लौटकर आने की कोई गारंटी नहीं।
तुम जितनी नाराज़गी बढ़ाओगे,
हम उतना ही खुद से प्यार करना सीखेंगे।
अपनी नाराज़गी अपने पास रखो,
हमें अब इन बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता।
जितनी बार छोड़ोगे,
उतनी बार और मजबूत होकर लौटेंगे।
हमसे नाराज़ होने से पहले सोच लेना,
हम मनाने वालों में से नहीं हैं।
Dard Bhari Narazgi Shayari
कभी-कभी नाराज़गी इतनी गहरी होती है कि वह दर्द में बदल जाती है। दर्द भरी नाराज़गी शायरी (Dard Bhari Narazgi Shayari) उसी तकलीफ को शब्दों में ढालने का एक तरीका है।
जब अपने ही नाराज़ हो जाएं,
तो दर्द का कोई हिसाब नहीं रहता।
दर्द तो तब हुआ जब हमने तुम्हें अपना समझा,
और तुमने हमें गैर।
तेरी नाराज़गी सह लेंगे,
पर तेरा प्यार खोना नहीं चाहते।
चाहत थी तुम्हें हर हाल में खुश रखने की,
पर तुम ही हमसे नाराज़ हो गए।
खामोशी हमारी मजबूरी नहीं,
तुम्हारी नाराज़गी का दर्द है।
कभी सोचा नहीं था कि हमारी छोटी-सी गलती तुम्हें इतना दूर कर देगी।
तेरी नाराज़गी ने हमें तन्हाई का सबसे गहरा दर्द दिया।
नाराज़ रहकर भी तुम हमारे ही ख्यालों में बसे हो।
दिल तड़पता है जब अपनों की नाराज़गी बिना वजह होती है।
जिस दिन तुम्हारी नाराज़गी खत्म होगी,
उस दिन हमारी तन्हाई भी खत्म हो जाएगी।
Naraz Hone Ki Shayari
अगर आप किसी से नाराज़ हैं और उसे अपनी भावनाएं बताना चाहते हैं, तो नाराज़ होने की शायरी (Naraz Hone Ki Shayari) आपके दिल का हाल बयां कर सकती है।
नाराज़ होना आसान है,
पर रिश्ता बचाने के लिए झुकना जरूरी होता है।
अगर हर छोटी बात पर नाराज़ हो जाओगे,
तो रिश्ते टूट जाएंगे।
नाराज़ होने से पहले सोच लेना,
क्या वो रिश्ता टूटने लायक है?
हर किसी की ज़िंदगी में ऐसी कोई वजह नहीं होती,
जिससे वो हमेशा नाराज़ रहे।
नाराज़गी दिखाने का हक़ उन्हीं को होता है,
जो हमारे दिल के करीब होते हैं।
अगर कोई तुमसे बार-बार नाराज़ होता है,
तो समझो उसे तुमसे बहुत प्यार है।
किसी की नाराज़गी को हल्के में मत लेना,
हो सकता है वो रिश्ता हमेशा के लिए खत्म हो जाए।
जो सच में तुम्हारी फ़िक्र करता है,
वो कभी ज्यादा देर तक नाराज़ नहीं रहेगा।
नाराज़ होना इंसान की फितरत है,
पर मनाना प्यार की निशानी है।
दिल के करीब रहने वाले लोग ही सबसे ज्यादा नाराज़ होते हैं,
क्योंकि उन्हें फ़र्क पड़ता है।
Narazgi Par Bewafa Shayari
कभी-कभी नाराज़गी किसी की बेवफाई का नतीजा होती है। नाराज़गी पर बेवफ़ा शायरी (Narazgi Par Bewafa Shayari) उन अधूरे एहसासों को व्यक्त करने का जरिया बन सकती है।
नाराज़गी थी तो कह देते,
बेवफ़ाई की सज़ा क्यों दी?
तेरा प्यार भी अजीब था, पहले अपना बनाया,
फिर बेवफ़ाई कर नाराज़ हो गए।
हम तो तेरी नाराज़गी को भी प्यार समझते रहे,
पर तू तो बेवफ़ाई की राह पर था।
पहले प्यार,
फिर नाराज़गी और अब बेवफ़ाई… ये कैसा इम्तिहान था?
मोहब्बत का अंजाम अगर बेवफ़ाई था,
तो नाराज़ होने की नौबत ही क्यों आई?
तेरा हर इल्ज़ाम सह लिया,
पर तेरी बेवफ़ाई की सज़ा बहुत भारी थी।
तेरी नाराज़गी को मनाने चले थे,
पर रास्ते में तेरी बेवफ़ाई मिल गई।
हम सोचते थे तू खफा है,
पर हकीकत में तू किसी और का हो चुका था।
जब भी तेरा ज़िक्र आता है,
नाराज़गी से ज्यादा तेरी बेवफ़ाई का दर्द सताता है।
तुम तो बेवफ़ाई करके भी मुस्कुरा रहे थे,
और हम तुम्हारी नाराज़गी में तड़प रहे थे।
Narazgi Shayari on Distance
कभी-कभी दूरियां भी नाराज़गी का कारण बन जाती हैं। नाराज़गी शायरी ऑन डिस्टेंस (Narazgi Shayari on Distance) उन भावनाओं को व्यक्त करती है, जो दूर रहने की वजह से मन में आती हैं।
दूरियां बढ़ गईं तो नाराज़गी और गहरी हो गई।
तेरी नाराज़गी का दर्द इस दूरी ने और बढ़ा दिया है।
जो पास होकर भी दूर था,
उसकी नाराज़गी कैसे मना लेते?
दूरियों ने तुम्हारी नाराज़गी को और भी बेरहम बना दिया।
पास आ जाओ,
नाराज़गी खुद ही खत्म हो जाएगी।
ये कैसी दूरी है,
जहाँ नाराज़गी को भी प्यार समझ बैठे हैं?
तेरी दूरियों ने हमसे तेरा प्यार भी छीन लिया।
नाराज़ हो और दूर भी चले गए,
सज़ा किस बात की दे रहे हो?
अगर हमसे मोहब्बत है,
तो नाराज़गी छोड़ो और करीब आ जाओ।
प्यार में नाराज़गी चलेगी,
पर दूरियां नहीं।
Mujhse Naraz Na Hona Shayari
अगर आप किसी को बहुत प्यार करते हैं और नहीं चाहते कि वह आपसे नाराज़ हो, तो मुझसे नाराज़ ना होना शायरी (Mujhse Naraz Na Hona Shayari) उनके लिए परफेक्ट है।
अगर प्यार है तो मुझसे नाराज़ ना हुआ करो।
तुम्हारी नाराज़गी सह लूंगा,
पर तेरा साथ खोना नहीं चाहता।
जो तुझसे जुड़ा है,
वो तुझसे नाराज़ कैसे रह सकता है?
अगर मेरी गलती हो तो सज़ा दे दो,
पर मुझसे यूँ नाराज़ मत हो।
तेरा प्यार ही तो मेरी दुनिया है,
मुझसे नाराज़ मत रहा कर।
तेरी नाराज़गी का हक़ है तुझे,
पर मुझे यूँ छोड़कर मत जाना।
हर गलती पर नाराज़ होना जरूरी नहीं,
कभी माफ भी कर दिया करो।
तुम नाराज़ होते हो,
तो दिल तन्हा सा लगने लगता है।
मुझसे नाराज़ होकर खुद भी तो खुश नहीं रहोगे।
अगर नाराज़ हो तो बता दो,
मैं अपना हर गुनाह कुबूल कर लूंगा।
Tute dil Ki shayari image and DP
Conclusion
नाराज़गी हर रिश्ते में आती है, लेकिन इसे ज़्यादा देर तक बनाए रखना सही नहीं होता। नाराज़गी शायरी (Narazgi Shayari in Hindi) की मदद से आप अपने रिश्तों को फिर से मजबूत बना सकते हैं और गलतफहमियों को दूर कर सकते हैं।
अगर कोई अपना आपसे नाराज़ है, तो इस पोस्ट की मदद से उसे मनाने की कोशिश करें। प्यार और दोस्ती की असली खूबसूरती रिश्तों को जोड़ने में ही होती है। इसलिए देर न करें, अपने अपनों को मनाएं और रिश्तों को पहले से भी ज्यादा मजबूत बनाएं।